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देवनगरी में हाहाकार

  • अतुल श्रीवास्तव
  • May 19, 2020
  • 7 min read

Updated: Aug 12, 2022


समस्त देवी देवताओं की सभा सजी हुई थी | प्रतिदिन की भाँति आज भी भगवान विष्णु भारत धरती पर घटने वाली घटनाओं से अनभिज्ञ अपनी शेषनाग शय्या पर पसरे हुये लक्ष्मी देवी से अपने पाँव दबवा रहे थे, और एक हाथ में कमल का सुन्दर पुष्प ले कर उसकी सुगंध का आनंद ले रहे थे |


सहसा सभा में हुड़दंग मच गयी। देखा नारद मुनि बिना धोती बाँधे ही भरी सभा में दौड़े भागे चले आ रहे हैं | भगवान विष्णु ने क्रोध भरी दृष्टि से नारद की ओर देखते हुये पूछा, “ये क्या हाल बना रखा है?”


नारद मुनि क्रुद्ध वाणी में बोले, “प्रभु आप बस लेटे लेटे कमल का फूल सूँघिये | आपको पता भी है कि नीचे भारत भूमि में क्या गुल खिल रहे हैं | ”


प्रभु ने प्रश्नवाचक दृष्टि से देखते हुये पूछा, “ऐसी क्या अनहोनी हो गयी कि तुम लाज हया त्याग कर बिना धोती के ही दौड़ पड़े ? ”


नारद ने अपना माथा पीटते हुये कहा, “हे भगवान क्या दिन आ गये हैं | अब ये भी मुझे ही बताना पड़ेगा ? प्रभु एक वेलंटाईन नामक विदेशी देवता ने कामदेव को अपदस्थ कर दिया है यानि कि वेलंटाईन जी ने कामदेव की गद्दी छीन कर स्वयं को उस गद्दी पर विराजमान कर दिया है | आज वेलंटाईन देवता का महान पर्व है | आप जरा नीचे झाँक कर तो देखिये कि ये पर्व कितने हर्षौल्लास के साथ मनाया जा रहा है | इतना धूम धड़ाका तो शिवरात्रि, राम नवमी और जन्माष्टमी में भी नहीं होता है | छि छि यही दिन देखने को बचे थे | हरि ओम हरि ओम | ”


नारद मुनि आगे और कुछ कहते कि कामदेव भी अपना लंगोट संभालते हुये सभा में आ धमके | अष्रुपात करते हुये विष्णु के चरणों में लोट गये | हिचकियों के साथ सुबक सुबक कर बोले, “प्रभुश्री मैं तो लुट गया, बरबाद हो गया | न जाने कहाँ से और कब ये कमबख्त वेलंटाईन आ धमका, और भारत की युवा वर्ग को अपने वश में कर के मेरे ऊपर धावा बोल बैठा | गद्दी तो गयी सो गयी, अब तो भारत के मूढ़ युवा मेरा नाम तक नहीं पहचानते हैं | ”


विष्णु ने लापरवाही के साथ कहा, “कामदेव सीधे शब्दों में बतलाओ कि तुम मुझसे चाहते क्या हो?”


प्रभु विष्णु के इस रवैये को देख कर नारद मुनि से रहा नहीं गया | बस कटु सत्य उगल ही दिया, “प्रभुश्री यदि आपका यही हाल रहा तो अति शीघ्र आपकी शय्या भी आपके कर कमलों के नीचे से नदारद हो जायेगी | वो सफेद दाढ़ी, मोटी तोंद और लाल स्लीपिंग सूट वाला बाबा उठा ले जायेगा हाँ | फिर भारत भूमि में दुबारा अपने झंडे गाड़ने के लिये आपको भी दाढ़ी मूँछ लगा कर और बाल लम्बे बढ़ा कर सूली पर लटकना पड़ेगा | ”


अपनी शय्या छिनने की बात सुन कर तो प्रभु विष्णु को भी घबराहट होने लग गयी | बस नारद जी से पूछ बैठे, “हे मुनिवर! आप बस ऐसे ही सबको डराते फिरोगे या कुछ करोगे भी?”


नरद मुनि ने तत्परता से उत्तर दिया, “प्रभु मैंने तो एक तरीके का प्रयोग भी किया परंतु उसका कोई प्रभाव ही नहीं हुआ | मैंने भारत भूमि पर निवास करने वाले भक्तों के दो बड़े समूहों ‘शिव सेना’ तथा ‘बजरंग दल’ के कर्मठ सिपाहियों को जिम्मा सौंपा कि इस समस्या का किसी भी प्रकार से समाधान करें | उन्होंने वेलंटाईन के भक्तों को पकड़ पकड़ कर उनका मुँह काला कर के, गधों पर उल्टा बैठा कर और जूतों की माला पहना कर गली कूँचों से जुलूस निकाला | वेलंटाईन देवता की पूजा पाठ की सामग्री बेचने वाली दुकानों को तोड़ा फोड़ा भी | पर प्रभुश्री भला मुठ्ठी भर प्रभु के सेवक वेलंटाईन जी के अनगिनत भटके हुये अनुयायियों को कैसे सुधार पाते | और, वैसे भी भारत जैसे प्रजातंत्र में सबको सभी कुछ करने की संपूर्ण छूट है। आप या मैं किसी को भी कुछ करने से रोक नहीं सकते हैं भले ही वो स्वयं की ही कब्र खोद कर उसमें चादर ओढ़ कर लेट जाये | और, अगर जबरन ऐसा किया तो भारत के जनतंत्र की छवि अन्य देशों में मैली हो जायेगी | मुझको तो ऐसा प्रतीत होता है कि ये मनहूस वेलंटाईन जरूर युवा पीढ़ी को भाँग या गाँजे का नशा करा करा के उनको पथ भ्रष्ट कर रहा है | हे देवताओं के देवता अब आप ही बताईये कि और क्या किया जा सकता है | ”


ये तो नारद मुनि ने और भी हृदय भेदी सूचना दे डाली | भगवान विष्णु ने तुरंत सर्वश्री ब्रह्मा और महेश को एक आपतकालीन बैठक के लिय बुला भेजा | सभी देवी देवता गण जुट गये ब्रेन स्टॉर्मिंग सत्र में कि किस प्रकार से वेलंटाईन के खतरनाक तरीके से बढ़ते हुये प्रभाव को कम किया जाये | गुर्भाग्यवश कई घंटो की तू तू मैं मैं और गरमा गरम बहस के बाद भी कोई उपयुक्त हल न निकल पाया |


अचानक यमराज जी की दायीं आँख तेजी से फड़कने लग गयी (मतलब की कोई टेक्स्ट मैसेज आ गया) | यमराज ने उठते हुये कहा, “देवी और सज्जनों मुझे जाना होगा | अभी अभी कोई भारतीय युवा ऊपर आ पहुँचा है | मुझे अपने कार्यालय जा कर उसका कागज़ी काम पूरा करना है | ”


सभी देवता गण एक-स्वर चिल्ला उठे, “जब तक इस समस्या का हल नहीं निकल आता है आप इस सदन से बाहर नहीं जा सकते हैं | यदि आपको अपना कार्य निपटाना ही है तो उस युवक को यहीं बुला लीजिये | ”


यमराज जी जनमत को कैसे ठुकराते | इशारे से द्वारपालों को उस युवक को अंदर भेजने को कहा | कक्ष का द्वार खुला और अठ्ठारह या उन्नीस साल का एक सींकिया सा नौजवान सीटी बजाता हुआ अंदर आया | अंदर आते ही युवक ने समस्त देवियों और देवताओं की ओर हाथ हिलाते हुये कहा, “हैप्पी वेलंटाईन्स डे अंकल्स ऐंड आंट्स | ”


यमराज ने घनी मूछों पर हाथ फेरते हुये पूछा, “वत्स, तुम्हारा नाम क्या है?”


“ऐंडी | ”


“ऐंडी?”


“अरे माँ बाप ने आनन्द रखा था | ”


“अच्छा अच्छा | वत्स ये बताओ तुम यहाँ कैसे आ पहुँचे?”


“आप सब लोग देखने में तो काफी पुराने जमाने के लगते हो | शायद आप लोगों को पता भी नहीं होगा कि आज वेलंटाईन्स डे है | यू नो मैंने भी सोचा कि अपनी दोनों स्वीट-हार्ट्स सेलिना और टीना के लिये वेलंटाईन डे कार्ड खरीद लूँ | कार्नर की आर्चीस की शॉप जाकर मैंने दोनों के लिये एक एक कार्ड खरीद लिया | सोचा पहले टीना को जाकर विश करता हूँ | टीना के घर पहुँचा – वो सिज़र (कैंची) लेकर अपनी जींस में होल्स कर के उसे स्टाईलिश बना रही थी | मैंने जाकर उसे किस किया, विश किया और कार्ड दे दिया | बट माई बैड लक मैंने टीना को सेलिना वाला कार्ड दे दिया | टीना ने कार्ड खोला और पढ़ा – सेलिना डार्लिंग, यू आर माई ओनली हार्ट | टीना ने बस इतना ही पढ़ा था कि गुस्से में उसने हाथ में पकड़ी हुई सिज़र मेरे ऊपर थ्रो कर दी | सिज़र सीधे मेरे हार्ट में पेनीट्रेट कर गयी ऐंड आई फेल लाईक ए बिग लोड ऑफ काऊ डंग | उसके बाद दो काले कलूटे ड्यूड्स मुझे पुल करते हुये यहाँ ले आये | बट टेल मी व्हाई आल यू गाईज़ आर लुकिंग सो स्ट्रेस्ड आऊट | आप लोगों को क्या बॉदर कर रहा है | टेल मी, मे बी आई कैन साल्व योर प्राबलम | ”


नारद मुनि ने ऐंडी को अभी तक घटी सारी वार्तालाप का विवरण दे दिया | ऐंडी ने मुस्कराते हुये कहना शुरू किया, “आई सी | सो दिस इस योर प्राबलम | सी गाईज़, आप लोगों की प्राबलम ये है कि आप लोग पिछले कई मिलियन ईयर्स से चेंज नहीं हुये हो | अरे टाईम के साथ साथ अपने को बदलना पड़ता है | लुक ऐट यू गाईज़ पता नहीं किस जमाने के कपड़े पहनते हो, जेवेलरी पहनते हो | डिजाईनर क्लोथ्स पहनो | लुक ऐट यू विष्णु सर आप iPod की जगह शंख लिये फिरते हो | जेम्स बाँड स्टाईल की टाईनी रिवाल्वर की जगह गदा और चक्र थाम रखा है | और, कमल फेंक कर रेड रोज़ पकड़ो | लक्ष्मी आँटी को बाहों में रखने की जगह उनसे पैर दबवाते हो | ऐंड यम जी आई थिंक यू नीड टु गो टू ए गुड सलून फार ए डीसेंट हेयर कट | मेरी मानों तो मूँछे वूँछे मुड़वा दो | और, हो सके तो अगले आने वाले ड्यूड से तीन चार डज़न फेयर ऐंड हैंडसम की ट्यूबें मंगवा लो | शिव सर, ब्रह्मा सर और नारद सर – देखिये आप लोगों ने अपना क्या हुलिया बना रखा है | पूरे कार्टून नेटवर्क के कैरेक्टर्स लग रहे हैं आप सब इन कपड़ों और गेट-अप में | ऐसे रहोगे तो कर चुके आप लोग वेलंटाईन जी से कॉम्पटीशन | आल यू फोक्स नीड इज़ ऐन इमेज मेक-ओवर | और, जरा मार्डन नाम शाम रखो – जैसे कि आनन्द का ऐंडी, सन्दीप का सैंडी वगैरह वगैरह | ”


सभी देवी और देवताओं ने युवक ऐंडी की बातों को ध्यानपूर्वक सुनने के बाद एकमत सहमति में मुंडी हिलाते हुये कहा, “बालक सही कहता है | हमें ऐसा ही करना चाहिये | ”


इस बीच भारत के मुम्बई नगर में अचानक ही मौसम ने रौद्र रूप धारण कर लिया | बुरे मौसम के कारण कुछ एक भीषण कार दुर्घटनायें हो गयीं जिसमें मुम्बई के दो नामी गिरामी फैशन डिजाईनर्स और एक बहुत बड़ी काल सेंटर कंपनी के एच.आर. मैनेजर की मृत्यु हो गयी | समाचारों ने दुर्घटना और मृत्यु का कारण बुरा मौसम बताया| पर, उन्हें क्या पता था कि इन सब के पीछे यमराज और कई देवी देवताओं का हाथ था। आखिर उन्हें अब कम्प्लीट इमेज मेक-ओवर के लिये उम्दा किस्म के फैशन डिजाईनर्स की आवश्यकता जो थी | पर काल सेंटर कंपनी का एच.आर. मैनेजर बेचारा क्यों पीसा गया? अरे वही तो देवी देवताओं का नया नामकरण करने वाला है |


खैर जब तक हमारे देवी देवताओं का इमेज मेक-ओवर का काम पूरा नहीं हो जाता है, तब तक के लिये “हैप्पी वी. डी. !” अरे वी .डी . का मतलब “वेनेरल डिज़ीज़” नहीं बल्कि “वेलंटाईंस डे” है | वैसे भी मेरे विचार से दोनों में कोई खास अंतर नहीं है |

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- अतुल श्रीवास्तव

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-अतुल श्रीवास्तव

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